मनरेगा के तहत नियुक्ति की प्रक्रिया पर जोर : CM हेमन्त सोरेन ने सभी DC के साथ बैठक में जिलों में चल रही विकास और कल्याणकारी योजनाओं की ली जानकारी

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रांची:मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन आज प्रोजेक्ट भवन में सभी जिलों के उपायुक्त के साथ उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक की. बैठक मेंसभी विभागों के प्रधान सचिव और सचिव मौजूद थे.मुख्यमंत्री ने जिलों में चल रही विभिन्न विभागों के विकास और कल्याणकारी योजनाओं की जमीनी हकीकत की जानकारी ली.

सीएमने सबसे पहले ग्रामीण विकास विभाग के योजनाओं की समीक्षा की. ग्रामीण विकास विभाग के 6 प्रमुख योजनाओं की समीक्षा की. इसके तहत मनरेगा,मनरेगा के तहत नियुक्ति की प्रक्रिया, बिरसा हरित ग्राम योजना,वीर शहीद पोटो हो विकास योजना,प्रधानमंत्री आवास योजना( ग्रामीण) और बाबा साहब भीमराव अंबेडकर आवास योजनाओं के प्रगति की सीएम ने जानकारी ली और आवश्यक निर्देश दिए.

मुख्यमंत्री ने कहा कि कम बारिश की वजह से इस वर्ष सूखे की स्थिति है. ऐसे में किसानों-मजदूरों का पलायन नहीं हो,इसका विशेष ख्याल रखें. ज्यादा से ज्यादा रोजगार सृजित किया जाय और योजनाओं का क्रियान्वयन बड़े पैमाने पर हो. उन्होंने कहा कि योजनाओं की जियो मैपिंग भी कराई जाए. मुख्यमंत्री ने कहा कि योजनाओं का स्थल निरीक्षण भी किया जाएगा.

विभाग ने योजनाओं की प्रगति की दी जानकारी

बिरसा हरित ग्राम योजना के तहत 16.58 लाख फलदार और 2.72 लाख इमारती पौधे लगाए जा चुके हैं.

वीर शहीद पोटो हो विकास योजना के तहत 3371 योजनाएं दी गई हैं जिसमें 1041 पूरी कर ली गई हैं. मुख्यमंत्री ने लंबित योजनाओं का कार्य 15 नवंबर तक पूरा करने के निर्देश दिये. हर पंचायत में इस योजना को लेने का भी दिया गया निर्देश.

प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण के तहत 16 लाख से ज्यादा आवास बनाने का लक्ष्य है. इसमें 81 परसेंट आवासों का निर्माण पूरा हो चुका है. जबकि 2 लाख 90 हज़ार के लगभग आवास का कार्य लंबित है. वहीं केंद्र सरकार ने 1 लाख 75 हज़ार नए आवास स्वीकृत किये हैं.

बाबा साहब भीमराव अंबेडकर आवास योजना के तहत इस वर्ष 11 हज़ार 155 आवास बनाने का लक्ष्य है. इसमें 62100 आवास स्वीकृत किया गया है.

मुख्यमंत्री ने दिए ये निर्देश

हर गांव में कम से कम 5 नई योजनाओं को अविलंब शुरू करें.

अनुसूचित जाति/ अनुसूचित जनजाति को मनरेगा कार्यों में प्राथमिकता दें.

मनरेगा में 50% महिलाओं की भागीदारी सुनिश्चित करें.

मनरेगा कार्यों में जेसीबी का इस्तेमाल नहीं हो.

फर्जी मास्टर रोल पर अविलंब रोक लगे.

मनरेगा के तहत ससमय कार्य का अवलोकन करें और समय पर मजदूरी का भुगतान सुनिश्चित करें.

ज्यादा से ज्यादा मानव दिवस का सृजन करें ताकि पलायन नहीं हो.

मुख्यमंत्री ने खनन वाले इलाकों में एक करोड़ तक की योजनाओं का कार्य स्थानीय लोगों को देने की दिए गए निर्देश के आलोक में उठाए गए कदमों की जानकारी ली.

उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक में मुख्य सचिव सुखदेव सिंह,विकास आयुक्त अरुण कुमार सिंह,मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव राजीव अरुण एक्का,कार्मिक सचिव वंदना डाडेल और मुख्यमंत्री के सचिव विनय कुमार चौबे समेत सभी विभागों के प्रधान सचिव/ सचिव तथा सभी जिलों के डीसी उपस्थित थे.

मुख्यमंत्री ने राजस्व, भूमि सुधार एवं निबंधन विभाग की दाखिल खारिज उत्तराधिकार नामांतरण , राजस्व संग्रहण और राजस्व न्यायालयों में लंबित मामलों की समीक्षा कर अधिकारियों को कई निर्देश दिए.

जमीन सर्वे कराएं

मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड में जमीन का सर्वे कराने की दिशा में विभाग ठोस कदम उठाए. उन्होंने इसके लिए अन्य राज्यों में जमीन के सर्वे के लिए अपनाई गई प्रक्रियाओं का अध्ययन का रिपोर्ट तैयार करें और उसके आधार पर राज्य में भी जमीन का सर्वे करने की दिशा में पहल करें. उन्होंने कहा कि जमीन का सर्वे नहीं होने से आने वाले दिनों में कई विवादों के साथ लोगों की परेशानियां और बढ़ जाएंगी,इसलिए इसका समाधान बेहद जरूरी है.

दाखिल खारिज के मामले लंबित नहीं रहे

विभाग के द्वारा बताया गया कि राज्य में दाखिल खारिज के कुल 12 लाख 97 हज़ार 967 दाखिल खारिज के आवेदन आए. इसमें 5 लाख 84 हज़ार आवेदनों का निष्पादन कर दिया गया. जबकि 6 लाख 42 हज़ार आवेदन रिजेक्ट किए गए. वर्तमान में 528 ऐसे आवेदन हैं जो 90 दिनों से ज्यादा समय से लंबित है. मुख्यमंत्री ने कहा कि दाखिल खारिज के मामलों का यथाशीघ्र निष्पादन सुनिश्चित करें.

जमीन से जुड़े मुकदमों का निष्पादन के लिए राजस्व कोर्ट लगाने के निर्देश

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में उपायुक्त समेत अन्य पदाधिकारी जमीन से जुड़े मुकदमों के निष्पादन के लिए राजस्व कोर्ट नहीं लगाते हैं. मुख्यमंत्री ने स्पष्ट तौर पर कहा कि उपायुक्त समेत अन्य पदाधिकारी नियमित कोर्ट लगाकर जमीन से जुड़े मुकदमों का निपटारा करें. मुख्यमंत्री ने कहा कि उपायुक्त एवं अन्य पदाधिकारियों द्वारा लगाए गए राजस्व कोर्ट में निष्पादन किए गए मामलों की 3 महीने के बाद समीक्षा की जाएगी.

मुख्यमंत्री के निर्देश

दाखिल खारिज के मामले 90 दिनों से ज्यादा लंबित नहीं रहे इसे सुनिश्चित किया गया सभी उपायुक्त इस पर विशेष ध्यान दें.

रजिस्ट्री आधारित दाखिल खारिज हो, इसे सुनिश्चित करें.

उत्तराधिकार से जुड़े दाखिल खारिज के मामलों का यथाशीघ्र निष्पादन सुनिश्चित किया जाए.

विभाग की वेबसाइट पर अपलोड होने वाले दस्तावेजों की सुरक्षा सुनिश्चित होनी चाहिए.


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