बेटी आकांक्षा करेगी मुखियागिरी : खगड़िया के मेघोना पंचायत के लोगों ने रिकार्ड 2806 मतों से मुखिया का चुनाव जिताया
PATNA:-बिहार में चल रहे पंचायत चुनाव में कई उलट-फेर हो रहें हैं...एक ओर जहां विधायक ,सांसद एवं मंत्री के रिश्तेदार हार जा रहें हैं वहीं कहीं नव नलेली दुल्हन और गांव की बेटियों को पंचायत की मुखियागिरी दी जा रही है।खगड़िया में 22 साल की गांव की बेटी आकांक्षा को मुखिया पद पर विजयश्री का आशीर्वाद दिया है।
पिता की मुखियागिरी को आगे बढाएगी आकांक्षा
दरअसल आकांक्षा खगड़िया जिले के मेघोना पंचायत की निवासी हैं।उनके पिता जगदीश चन्द्र बसु सीपीआई के फायर ब्रांड नेता थे और वे अपने पंचायत के 4 बार मुखिया रहे थेे।पिछले साल अपराधियों ने मुखिया रहते ही उनकी हत्या कर दी थी।पिता की हत्या के बाद आकांक्षा ने परिवार को संभाला था और वह दिल्ली में प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारी छोड़कर अपने गांव आ गई थी।पिता की हत्या के बाद उनके अधूरे काम को पूरा करने के लिए आकांक्षा ने सामाजिक और राजनीतिक क्षेत्र में कदम रखने का निर्णय लिया।आकांक्षा के इस निर्णय के पंचायत के लोगों ने सराहना की और मुखिया पद के लिए उसे रिकार्ड 2806 वोट से जीत दिला दी।
अफसर बन सेवा करना चाहती थी आकांक्षा
दरअसल आकांक्षा के पिता के लगातार मुखिया रहने की वजह से उसे राजनीतिक और सामाजिक कार्यों में शुरू से ही दिलचस्पी थी पर वह अफसर बिटिया बनकर लोगों की सेवा करना चाहती थी।इसलिए वह सिविल सेवा की तैयारी करने दिल्ली गई थी।वह दिल्ली में सिविल सेवा की तैयारी को लेकर कोचिंग भी ज्वाईन की थी,पर इस बीच ही उसके पिता की हत्या अपराधियो ने कर दी।4 बहन और एक भाई में आकांक्षा सबसे बड़ी है।इसलिए परिवार की पूरी जिम्मेवारी आकांक्षा पर ही आ गई और आकांक्षा ने इस जिम्मेवारी का बखूबी निर्वाह करते हुए पिता की मुखियागिरी को भी आगे बढाने का काम अपने उपर ले ली है।
पंचायत चुनाव में मुखिय़ा के पद के लिए रिकार्ड 2806 मतों से जीत से उत्साहित आकांक्षा ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि यह जीत उनके स्वर्गीय पिता के काम और सेवा का परिणाम है।वे लगातार अपने पंचायत के लोगों की सेवा करते रहे पर अपराधियों ने उनकी हत्या कर दी।इस हत्या के खिलाफ पूरे पंचायत के लोगों ने आक्रोश जताया था।अब जबकि पंचायत के लोगों ने मुखिया बनाकर उन्हें अपना आशीर्वाद दिया है तो वह पूरे मनोयोग से पंचायत के लोगों की सेवा करेगी और विशेषकर गांव की बेटियों की शिक्षा और सामाजिक कार्य से जोड़ने के लिए पूरा जोर लगाएगी।