'जूते' से 'इस्तीफे' तक ... : 'चोरों के सरदार' बनने से लेकर '200 करोड़ का बीज खाने' तक, जानिए पूरी इनसाइड स्टोरी
PATNA : उनके विभाग में चोर भरे पड़े हैं और वे चोरों के सरदार हैं। माप तौल अधिकारी मिलें तो जूते से मारिए। दो सौ करोड़ रुपए का बीज निगम ही खा जाता है। माप तौल विभाग को वसूली विभाग है। ये वो चंद बयान है जो महागठबंधन की सरकार में रहते हुए कृषि मंत्री सुधाकर सिंह ने दिए। यहां तक कि उन्होंने नीतीश सरकार के कृषि रोड मैप पर भी सवाल खड़े कर दिए थे।
बिहार सरकार के कृषि मंत्री सुधाकर सिंह ने नीतीश कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया है। आरजेडी कोटे से कैबिनेट में मंत्री सुधाकर सिंह ने डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव को अपना इस्तीफा भेज दिया है। आरजेडी के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह ने इसकी पुष्टि भी कर दी है । ऐसे में ये सवाल भी खड़े होने लगे हैं कि क्या महागठबंधन की सरकार के भीतर सबकुछ ठीकठाक चल रहा है क्या?
सरकार बनने के बाद से लगातार जगदानंद सिंह बेटे सुधाकर सिंह जो सरकार में कृषि मंत्री बनाए गये थे लगातार नीतीश-तजस्वी की सरकार के सामने अपने बयानों से असहज स्थिति पैदा कर रहे थे। पिछले कई दिनों से अपने विवादास्पद बयानों को लेकर कृषि मंत्री सुधाकर सिंह चर्चा में थे। उन्होंने एक कार्यक्रम में कहा था- उनके विभाग में चोर भरे पड़े हैं और वे चोरों के सरदार हैं। वहीं, कुछ दिनों पूर्व उन्होंने कहा था- माप तौल अधिकारी मिलें तो जूते से मारिए। सुधाकर सिंह, नीतीश कुमार के कृषि रोड मैप पर भी सवाल उठा चुके हैं।
कृषि मंत्री सुधाकर सिंह बार-बार अपनी ही सरकार की भ्रष्टाचार की कलई खोलते नजर आ रहे थे। उन्होंने बीज निगम पर आरोप लगाते हुए कहा कि निगम के बीज फर्जी हैं। ढ़ाई- दो सौ करोड़ रुपए का बीज निगम ही खा जाता है। इस दौरान उन्होंने मंत्रालय के माप तौल विभाग को वसूली विभाग कह दिया था।
आरजेडी प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह सुधाकर सिंह के इस्तीफे की पुष्टि करते हुए जो बाते कहीं वैसे में ये बात सामने आ रही है कि सरकार के अंदर कुछ भी ठीक नहीं चल रहा है। जगदानंद सिंह ने कहा कि किसानों के हित में उन्होंने ये फैसला लिया है। उन्होंने कहा कि भारत किसानों का देश हैं और सुधाकर सिंह एक किसान के बेटे हैं और किसानों के हित की बात करते रहे हैं आगे भी वे करते रहेंगे।
जगदानंद सिंह ने कहा कि आज भी बलिदान देने की आवश्यकता है। मंडी कानून की काफी समय से बात हो रही है। किसानों का आंदोलन मंडी कानून के लिए काफी समय तक चला है। उन्होंने कहा कि कृषि मंत्री ने किसानों के हित के लिए आवाज उठाया सिर्फ आवाज उठाने से नहीं होती है त्याग करना पड़ता है। किसानों के विषय पर कृषि मंत्री ने अपना त्यागपत्र दे दिया है। जगदानंद ने कहा कि किसान और जवान की भूमिका को कभी नकारा नहीं जा सकता है। किसान जवान और नौजवान के हित के लिए कृषि मंत्री ने अपना इस्तीफा पत्र बिहार सरकार को दे दिया है।
जगदानंद सिंह का बयान और सुधाकर सिंह का इस्तीफा साफ-साफ बयां कर रहे हैं कि सरकार के अंदर जेडीयू और आरजेडी के बीच रस्साकशी चल रही है। शायद सीएम नीतीश कुमार सुधाकर सिंह के बयानों को लेकर असहज हो रहे थे। इसी का परिणाम इस्तीफे के तौर पर सामने आया है। अगर बात करें नीतीश कैबिनेट की तो सुधाकर सिंह इस्तीफा देने वाले दूसरे मंत्री है। इससे पहले अपहरण के आरोप में कानून मंत्री बनाए गये कार्तिकेय सिंह ने इस्तीफा दिया था। वे भी आरजेडी कोटे से ही मंत्री बनाए गये थे।