IIM बोधगया में पहली बार IPM कोर्स शुरू : केन्द्रीय शिक्षा राज्य मंत्री सुभाष सरकार ने वर्चुअल तरीके से की शुरूआत

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भारतीय प्रबंध संस्थान बोधगया में अगस्त 2021 में राष्ट्रीय स्तर पर संपन्न जीपमैट परीक्षा के द्वारा चयनित 72 होनहार एवं मेधावी छात्रों को प्रवेश दिया गया| आईआईएम बोधगया प्रबंधन में पंचवर्षीय एकीकृत कार्यक्रम द्वारा किशोरावस्था से ही विचारशील नेतृत्वकर्ता तैयार करने के अपने उद्देश्य को आकार दे रहा है| बहु-उद्देशीय आईपीएम कार्यक्रम का उद्घाटन भारत सरकार के शिक्षा राज्यमंत्री सुभाष सरकार द्वारा वर्चुअल माध्यम से किया गया।से हुआ।वहीं इस अवसर पर आईआईएम बोधगया की निदेशक डॉ. विनीता एस. सहाय समेत कई शिक्षाविद उपस्थित रहे।

क्या कहा मुख्य अतिथि केन्द्रीय शिक्षा राज्य मंत्री ने

पश्चिम बंगाल के बांकुरा लोकसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करने वाले भारत सरकार के शिक्षा राज्यमंत्री सुभाष सरकार ने कहा कि आने वाले समय में आईआईएम भारत की प्रगति को यथार्थ करेगा और आईआईएम बोधगया एक अग्रणी परिवर्तन निर्माता की भूमिका का निर्वहन करेगा | भारत ने हमेशा से गुरु -शिष्य के के सम्बन्ध को पवित्र माना है एवं हज़ारो सालो से नालंदा का नाम शिक्षा क्षेत्र में आदरसहित लिया जाता रहा है और यह प्रथा हमें जारी रखनी है | | आईआईएम बोधगया सामाजिक रूप से जिम्मेदार एवं भावनात्मक रूप से स्थिर प्रबंधन विशेषज्ञ तैयार करने के लिए तत्पर है | माइंडफुलनेस बुद्ध की शिक्षा का एक महत्वपूर्ण स्तम्भ है जो की संस्थान के मूल वाक्य का सारांश है|

हम वही बनते हैं जो सोचते हैं

श्री सरकार ने कहा की विश्व के परिदृश्य में अंतर उत्पन्न करने वाले व्यापर विशेषज्ञ को प्रशिक्षित करने में आईआईएम की अहम् भूमिका है | आईआईएम बोध गया ने अथक परिश्रम से आईपीएम के पाठ्यक्रम की रचना की है और इसका परिणाम हमें आने वाले समय में निश्चित रूप से प्राप्त होगा | उन्होंने यह भी कहा की हमें जीवनपर्यन्त सीखते रहने की आवश्यकता है क्योंकि जिंदगी हर मोड़ पर नयी सिख देती है | हम अपने विचारो से आकार लेते हैं, हम वही बनते हैं जो हम सोचते हैं|

डॉ. सरकार, ने आईपीएम पाठ्यक्रम के प्रथम बैच में दाखिला पाए किशोरों से साझा किया कि मुझे देश भर के विभिन्न सामाजिक-आर्थिक पृष्ठभूमि से आए प्रतिभावान बच्चों को संबोधित करते हुए खुशी हो रही है। उन्होंने राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के आलोक में आईपीएम पाठ्यक्रम की सराहना की, जिसका उद्देश्य समग्र व्यक्तित्व का विकास करना है। ज्ञान के क्षेत्र में बोधगया, नालंदा, विक्रमशिला, तक्षशिला के ऐतिहासिक महत्व को रेखांकित करते हुए शिक्षा राज्य मंत्री ने विश्वास जताया कि आईआईएम बोधगया में विद्यार्थियों को सीखने के उत्कृष्ट अवसर प्राप्त होंगे।

विश्व के परिदृश्य में अंतर उत्पन्न करने वाले व्यापर विशेषज्ञ को प्रशिक्षित करने में आईआईएम की अहम् भूमिका है | आईआईएम बोध गया ने अथक परिश्रम से आईपीएम के पाठ्यक्रम की रचना की है और इसका परिणाम हमें आने वाले समय में निश्चित रूप से प्राप्त होगा | उन्होंने यह भी कहा की हमें जीवनपर्यन्त सीखते रहने की आवश्यकता है क्योंकि जिंदगी हर मोड़ पर नयी सिख देती है | अंत में विद्यार्थियों को प्रोत्साहित करते हुए उन्होंने जोर देकर कहा कि ‘हम वही बनते हैं, जो सोचते हैं’ अत: आप सभी मेहनत करें और समृद्ध भारत के निर्माण के घटक बनें।

अलग-अलग पृष्ठभूमि के छात्र का नामांकन

संस्थान के निदेशक डॉ. विनीता सहाय ने कहा कि आईपीएम का पहला बैच भारत के 18 राज्यों से आए 72 विद्यार्थियों से शुरू हो रहा है। उन्होंने नवागांतुकों को आश्वास्त करते हुए कहा कि देश के प्रतिष्ठित संस्थानों में एक आईआईएम बोधगया आपसभी के सर्वांगिण विकास पर कार्य करेगा। हमारे युवा संकाय-सदस्य आपके विश्वास पर खरे उतरेंगे। केन्द्रीय शिक्षा राज्यमंत्री की गरिमामयी उपस्थिति में माननीय निदेशक ने कहा कि आईआईएम बोधगया का निर्माणाधीन *कैम्पस विश्वस्तरीय * होगा। हम सभी भारत के 2030 तक सर्वशक्तिमान देश के लक्ष्य के लिए प्रतिबद्ध हैं।

किशोरावस्था से प्रबंधन सिखाना उद्देश्य

कार्यक्रम के अतिथि संदीप घोष ने रेखांकित किया कि शिक्षा सीखने की कला है। आईपीएम पाठ्यक्रम में दाखिला पाए विद्यार्थियों को उन्होंने कहा कि इस 5 साल में आप जो बनना चाहते हैं, वे बनेंगे। इस पाठ्यक्रम का उद्देश्य किशोरावस्था से प्रबंधन सिखाना है। यहाँ आपसभी प्रतिदिन नया कौशल सीखेंगे। आज के जमाने में कुछ भी पाना असंभव नहीं है। कल्पनाशक्ति का इस्तेमाल करें। कल्पना ही यथार्थ बन जाती है। आपसभी पाठ्यक्रम के इन पांच सालों का समुचित उपयोग करें।

डायरेक्टर का सम्बोधन

आईपीएम के ओरिएंटेशन प्रोग्राम के उद्घाटन समारोह का स्वागत डॉ. सहाय ने अपने वक्तव्य के साथ किया| डॉ. सहाय ने किशोर एवं ऊर्जा से ओतप्रोत बच्चों को उनके प्रवेश की बधाई देने के साथ जीवन में प्रयत्नशील व लक्ष्य प्रप्ति के लिए तत्पर रहने के लिए प्रेरित किया | डॉ. सहाय ने नए भारत सरकार के ४११ करोड़ के अनुदान से बनने वाले नए कैंपस के कार्य की प्रगति को लेकर आश्वासन जताया | डॉ. सहाय ने यह भी कहा कि ऑनलाइन एग्जाम और पढ़ाई की सफलता के लिए में छात्रों को नैतिकता से सहभाग लेना होगा | तत्पश्चात श्री संदीप घोष, बोर्ड ऑफ़ गवर्नर, आईआईएम बोधगया के सम्बोधन से बैच को उनके कठिन परिश्रम के लिए सराहा डॉ. घोष ने कहा कि आने वाले समय में परिवर्तन और त्वरित होगा और बदलाव कि अपेक्षा कर उसकी तैयारी करने वाले सफल होंगे| हरेक व्यक्ति को कौशल अर्जन करने कि आवश्यकता है | डॉ. घोष ने सोशल मीडिया पर नयी पीढ़ी के छात्रों को सोच समझ कर व्यवहार करने कि हिदायत दी | |


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