Bihar Politics : JDU दफ्तर में महाबैठक, चुनाव तैयारियों को लेकर हुई विशेष चर्चा, पार्टी पदाधिकारियों को मिला स्पेशल टास्क
PATNA : बिहार जेडीयू प्रदेश कार्यालय, पटना में पार्टी के प्रमंडल प्रभारियों, जिलाध्यक्षों एवं विधानसभा प्रभारियों की संगठनात्मक बैठक आयोजित की गई। बैठक की अध्यक्षता प्रदेश अध्यक्ष उमेश सिंह कुशवाहा और संचालन प्रदेश महासचिव सह मुख्यालय प्रभारी चंदन कुमार सिंह ने की।
बैठक में आगामी बिहार विधानसभा की चुनाव तैयारियों से संबंधित भावी रणनीतियों पर विस्तार से चर्चा हुई और पार्टी की निचली इकाइयों को सशक्त बनाने हेतु पार्टी पदाधिकारियों को कई टास्क दिए गए। इस मौके पर मुख्य रूप से बिहार सरकार के मंत्री विजय कुमार चौधरी, मंत्री श्रवण कुमार, विधान पार्षद सह कोषाध्यक्ष ललन कुमार सर्राफ, विधान पार्षद संजय कुमार सिंह उर्फ ‘गांधी जी’, विधान पार्षद सह प्रदेश उपाध्यक्ष रविंद्र प्रसाद सिंह, विधान पार्षद डॉ. वीरेन्द्र नारायण यादव, पूर्व मंत्री वीरेन्द्र सिंह कुशवाहा, पूर्व मंत्री रंजू गीता, पूर्व विधायक वशिष्ठ सिंह, पूर्व विधायक अरुण मांझी, प्रदेश उपाध्यक्ष विद्यानंद विकल, प्रो. नवीन आर्या चंद्रवंशी, प्रदेश महासचिव वासुदेव कुशवाहा, प्रदेश प्रवक्ता निहोरा प्रसाद यादव, अंजुम आरा, मनीष यादव, नवल शर्मा, परिमल कुमार, अरविन्द निषाद और मेजर इकबाल हैदर आदि मौजूद रहे।
इस मौके पर प्रदेश अध्यक्ष उमेश सिंह कुशवाहा ने कहा कि जदयू देश की इकलौती ऐसी पार्टी है, जो समाजवादी सिद्धांतों पर चलती है और गांधी, जेपी, लोहिया, बाबासाहेब अंबेडकर और जननायक कर्पूरी ठाकुर के विचारों को आगे बढ़ाने का कार्य कर रही है। हमारे निष्ठावान, ऊर्जावान और आस्थावान कार्यकर्ता जदयू की सबसे बड़ी पूंजी हैं।
उन्होंने कहा कि लोकसभा के चुनाव परिणाम ने यह साबित कर दिया कि बिहार में हमारे नेता नीतीश कुमार और हमारी पार्टी जदयू का कोई विकल्प नहीं है। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार 14 करोड़ प्रदेशवासियों के कल्याण और उत्थान में निरंतर जुटे रहते हैं। प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि नए साथियों के साथ ही समता काल के वरिष्ठ साथियों को भी पार्टी से जोड़कर चलना है।
उनका अनुभव नए कार्यकर्ताओं को नई ऊर्जा देगा। साथ ही उन्होंने 24 नवम्बर से शुरू होने वाले जदयू कार्यकर्ता जिला सम्मेलन को ऐतिहासिक बनाने पर भी जोर दिया। प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि 2025 के चुनाव में 225 सीटों जीत दर्ज करना एनडीए गठबंधन का लक्ष्य है और इसे पूरा करने के लिए हमें अपने सहयोगी दलों के साथ समन्वय बनाकर चलना है।
जल संसाधन मंत्री विजय कुमार चौधरी ने कहा कि प्रदेश के सुदूर गांवों तक नीतीश सरकार की उपलब्धियां दिखाई देती हैं इसलिए हमें मजबूत आत्मबल के साथ जनता के बीच जाना है। वहीं, दूसरी ओर विपक्षी पार्टियों के पास जनता को आकर्षित करने का कोई मुद्दा नहीं इसलिए वे सर उठाकर जनता के बीच जाने का साहस नहीं कर सकते हैं। मंत्री ने कहा कि नीतीश सरकार की नीतियों एवं उपलब्धियों को बताकर नए लोगों को पार्टी में जोड़ना है।
साथ ही उन्होंने कहा कि विपक्ष हमारी उपलब्धियों को नकारने की हिम्मत नहीं कर सकता है इसलिए झूठा श्रेय लेने की कोशिश कर रहा है। उन्होंने कहा कि बड़ी संख्या में हो रही शिक्षकों की नियुक्ति का एकमात्र श्रेय नीतीश कुमार की दूरदर्शी सोच को जाता है। लोगों को यह पता होना चाहिए कि बीपीएससी के माध्यम से शिक्षकों की नियुक्ति का निर्णय नीतीश कुमार के निर्देशानुसार वर्ष 2021 के अगस्त माह में लिया गया था और हेडमास्टरों की नियुक्ति का पहला विज्ञापन वर्ष 2022 के मार्च महीने में जारी हुआ और उस दौरान बिहार में एनडीए की सरकार थी।
ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार ने कहा कि महिला सशक्तिकरण की दिशा में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जो काम किए हैं, उसकी तुलना देशभर में किसी राज्य से नहीं हो सकती है। साथ ही नौकरी एवं रोजगार देने में नीतीश सरकार ने कीर्तिमान स्थापित किए हैं। उन्होंने कहा कि चुनाव में पार्टी की निचली इकाइयों की भूमिका महत्वपूर्ण होती है इसलिए हमें पंचायत और बूथ कमिटी को सशक्त बनाने पर खासा जोर देना है।
साथ ही प्रचार-प्रसार के माध्यम से सरकार की उपलब्धियों को गांवों एवं टोलों तक पहुंचाना है। नीतीश सरकार की विकास योजनाओं का लाभ महिलाओं, युवाओं, नौजवानों एवं किसानों को हुआ है।
विधान पार्षद सह कोषाध्यक्ष ललन कुमार सर्राफ ने कहा कि वर्ष 2025 के चुनाव में हमें 2010 से बेहतर प्रदर्शन करना है और नीतीश कुमार को पुनः बिहार का मुख्यमंत्री बनाना है। उन्होंने कहा कि डबल इंजन की सरकार में बिहार को इस बार केन्द्र से 60 हजार करोड़ की अतिरिक्त राशि मिली है। इस हिसाब से बिहार को अगले पांच सालों में तीन लाख करोड़ की राशि मिलेगी और प्रदेश विकास की पटरी पर तेज गति से आगे बढ़ेगा।
विधान पार्षद सह प्रदेश उपाध्यक्ष रवीन्द्र प्रसाद सिंह ने कहा कि नीतीश सरकार की योजनाओं और उपलब्धियों को संगठन के माध्यम से नीचे तक पहुंचाना है एवं लाभुकों से संपर्क स्थापित करना है। उन्होंने कहा कि सरकार की लोक-कल्याणकारी योजनाओं का लाभ समाज के हर वर्ग तक पहुंच रहा है।