बिहार की 'फिश' पॉलिटिक्स : बंसी में फंसी मछली के बहाने मल्लाह समाज को साधने की कवायद ?

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पटना। नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने तारापुर विधानसभा उपचुनाव प्रचार के दौरान रास्ते में रुक बंसी से मछली पकडने से पानी में हलचल हुई या नहीं, लेकिन इसकी तस्वीर वायरल होते ही बिहार की राजनीति में हलचल जरुर मच गयी है। कल जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने तेजस्वी यादव के कांफिडेंस पर सवाल खडे करते हुए कह दिया कि बंसी में पोठिया मछली फंसी है। बस क्या था। इसी पर राजनीतिक बवाल शुरु हो गया।

ललन सिंह के तंज पर तेजस्वी का जबाव

ललन सिंह के बयान पर तेजस्वी यादव ने भी पलटवार किया है। तेजस्वी यादव ने ट्वीट कर कहा कि जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष को पूरे मल्लाह समाज से माफी मांगी चाहिए। उन्होंने मत्स्यजीवी समाज को कम आत्मविश्वास वाला मछली पकड़ने के काम को हेय बताने वाले राष्ट्रीय अध्यक्ष को माफी मांगनी चाहिए। तेजस्वी यादव ने आगे लिखा कि जेडीयू बीजेपी वाले अपने सामंती सोच को बस किसी तरह दबा कर रखते हैं लेकिन रह रह कर बंचितो के प्रति घृणा और जहर उनके मुंह से निकलता ही रहता है।

ललन सिंह ने फिर दिया जबाव

तेजस्वी यादव के इस ट्वीट का ललन सिंह ने भी ट्वीट कर ही जबाव दिया है। ललन सिंह ने कहा कि लोगों की भावनाओं से खेलना, वोट लेना और सामंती प्रवृति से राज करने का संस्कार आपको विरासत में मिला है। राजद के वरिष्ठ नेताओं व ग़रीब-गुरबों से मिलते हुए एक कुर्सी पर बैठ दूसरे कुर्सी पर पैर रखने वाले आपके पिता जी से बड़ा सामंती बिहार में कोई नहीं, जनता को पोठिया समझना बंद कीजिए। ललन सिंह ने मुकेश सहनी को भी इसमें शामिल करते हुए कहा है कि 2020में मत्स्यजीवी समाज के नेता की बेइज्जती सबको याद है.

जेडीयू के मुख्य प्रवक्ता और एमएलसी नीरज कुमार ने भी इस प्रकरण में वीआईपी पार्टी के मुकेश सहनी को साधते हुए कहा है कि तेजस्वी यादव ने मुकेश सहनी का राजनीतिक अपमान किया है।

अब इस फिश पॉलिटिक्स पर मल्लाह समाज की अगुवाई करने वाले नेता मुकेश सहनी का रिएक्शन आना बाकी है।

बहरहाल, कुल मिलाकर बंसी में फंसी एक छोटी सी मछली ने बिहार की राजनीति को गरमाकर रख दिया है।


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