DIGITAL पर जोर : LOKSABHA स्पीकर ने नए विधायकों को पढाया पाठ..अनुभवी साथियों से ले सीख ..लोकतांत्रिक दायरे में पक्ष-विपक्ष के बहस को बताया जरूरी
Patna:-लोकतंत्र में विभिन्न मुद्दो को लेकर सत्तापक्ष और विपक्ष के बीच सहमति और असहमति होना आम बात है पर असहमति के विरोध का तरीका लोकतांत्रिक होना चाहिए.विधायिका की गरिमा गिरने की वजह कई है.इसमें इसमें सबसे बड़ी वजह जनप्रतिनिधियों का आचरण और व्यवहार भी है.ये बातें लोकसभा के अध्यक्ष ओम बिड़ला ने बिहार विधानमंडल के सेंट्रल हॉल में प्रबोधन कार्यक्रम का उद्घाटन करते हुए कही.
ओम बिड़ला ने कहा कि गरिमा को बरकरार रखने के लिए सभी जनप्रतिनिधियों को अपनी जिम्मेदारियों का अहसास होना चाहिए.जनता के मुद्दो को लेकर शालीनता और गरिमा के साथ उठाना चाहिए.नए विधायकों को पुराने विधायकों से सीख लेनी चाहिए.आज भी पुराने और अनुभवी जनप्रतिनिधि सदन में ज्यादा समय देतें हैं..नए विधायकों को इनसे सदन के भीतर और बाहर सीखना चाहिए.
डिजीटल युग की बात करते हुए ओम बिड़ला ने कहा कि वे चाहतें हैं कि संसद और विधानमंडल की कार्यवाही को सुदुर गांव देहात के लोग भी आसानी से देख सकें .शिमला सम्मेलन में हमने तय किया है की सभी विधान मंडलों को एक डिजिटल प्लेट फार्म पर लाएं।इसके लिए डिजीटल संसद बनाने की ओर वे अग्रसर हो रहें हैं.डिजिटल ऐप की शुरुआत हो चुकी है.उन्हें खुशी है कि कई विधानमंडलको भी डिजीटल बनाने की दिशा में सरकार बेहतर काम कर रही है.सभी विधानमंडलों की कार्यवाही एक मंच पर लाने की तैयारी की जा रही है ..देश के ससंद और विधानमंडल की सभी लाइब्रेरी को भी एक मंच पर लाने की कोशिश होनी चाहिए.
ओम बिड़ला ने कहा कि देश में ऐसा भी विधान सभा है की जहा बेल में आना अच्छा नही समझा जाता है।हमें इस तरह कीअच्छी परम्पराओं को आगे बढाने पर जोर देना होगा. सर्व श्रेष्ठ विधायकों को सम्मानित करने की शुरुआत भी सभी विधान सभा और विधान मंडलों में होनी चाहिए।