CORONA VACCINE : 100 करोड के आंकडे पूरे होने पर राज्यपाल ने दी बधाई...लेकिन झारखंड आंकडों में उलझा
रांची- भारत ने कोरोना के खिलाफ जंग ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की है। देश मे का आंकड़ा रिकॉर्ड 100 करोड़ के पार पहुंच गया है। गुरुवार को भारत कोविड-19 के खिलाफ वैक्सीन लगाने की दिशा में उस मुकाम तक पहुंच गया जब एक अरब लोगों को टीका लग चुका था। इस उपलब्धि पर केन्द्र की नरेन्द्र मोदी सरकार के लिए बधाइयों का तांता लग गया है।
राज्यपाल ने दी बधाई
इस उपलब्धि के लिए झारखंड के राज्यपाल रमेश बैस ने भी ट्वीट कर बधाई दी है। रमेश बैस ने अपने ट्वीट में कहा है कि ‘भारत के यशस्वी प्रधानमंत्री के नेतृत्व में आज देश ने कोरोना टीकाकरण महोत्सव में इतिहास रचते हुए 100 करोड़ का आंकड़ा पार कर कीर्तिमान स्थापित किया। इस कार्य को गति प्रदान करने में हमारे वैज्ञानिकों, स्वास्थ्यकर्मियों व राज्य सरकारों की भूमिका सराहनीय है।‘
झारखंड में दूसरे डोज पर मंत्री सचिव के आंकडे अलग
लेकिन वहीं दूसरी ओर झारखंड में कोविड-19 टीकाकरण की पहला डोज लेने के बाद दूसरा डोज नहीं लेने वालों की संख्या बढ़ती जा रही है। झारखंड राज्य में बडी संख्या में लोगों ने पहली डोज तो ले ली, लेकिन दूसरी डोज लेने नहीं गए। करीब 23 लाख लोगों ने तय समय पर टीके की दूसरी डोज नहीं ली है। इसमें करीब 11 लाख वैसे लोग हैं जो बीते 10 दिन में समय पूरा होने के बाद भी दूसरी डोज नहीं ली है। इसको देखते हुए स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव अरुण कुमार सिंह ने टीकाकरण सुनिश्चित करने का निर्देश सभी डीसी को दिया है। अपने निर्देश में अपर मुख्य सचिव ने कहा है कि इसके लिए गहन अभियान चलाया जाए।इसके लिए सभी जिलों में माइक्रो प्लान बनाकर टीकाकरण के लिए लोगों को चिन्हित कर उन्हें नजदीकी कोविड-19 टीकाकरण स्थान तक लाया जाए।
लेकिन इसी समस्या को लेकर जब स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता से बात की तो उन्होंने इस तथ्य को खारिज कर दिया। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि 18 से ऊपर सभी लोगों को वैक्सीनेट करना है। जिसमें पहली डोज में एक करोड़ 42 लाख के करीब और सेकंड डोज में करीब 45 से 50 लाख हो गया है। उन्होंने कहा कि पिछले 10 दिनों के आंकड़े अनुसार एक करोड़ 33 लाख 45 हजार 435 डोज पहले फेज के लिए लगाए थे और दूसरी डोज के लिए करीब 49 लाख थे जो अब काफी बढ़ गए होंगे।
स्वास्थ्य विभाग में टीकाकरण के आंकडों पर मंत्री और अपर मुख्य सचिव के बीच ही विरोधाभास है। ऐसे में इसका प्रभाव राज्य में चलने वाले अभियान पर भी पड सकता है।