VC को हटाने और गिरफ्तारी की मांग : पूर्व विधायक रामेश्वर चौरसिया और ABVP नेता सूरज सिंह ने खोला मोर्चा

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CORRUPTION KE AAROOPI MU KE VC RAJENDRA PRASHAD KO HATENE KI MANG MLA AUR ABVP NE KI CORRUPTION KE AAROOPI MU KE VC RAJENDRA PRASHAD KO HATENE KI MANG MLA AUR ABVP NE KI

PATNA:- मगध विश्वविद्यालय के कुलपति राजेन्द्र प्रसाद के खिलाफ निगरानी की छापामारी में करोड़ों की अवैध संपत्ति का खुलासा हुआ है।इस खुलासा के बाद राजेन्द्र प्रसाद को कुलपति पद से हटाने और गिरफ्तार करने की मांग उठने लगी है।

पूर्व विधायक रामेश्वर चौरसिया ने क्या कहा

भाजपा के पूर्व विधायक रामेश्वर चौरसिया ने इस मामले को उठाते हुे कहा कि बिहार की लगभग हर विश्वविद्यालय लूट का अखड़ा बन गई है।विश्वविद्यालय के कुलपति और कॉलेज के प्रिंसपल पढाई की बेहतर व्यवस्था करने के बजाय समानों की खरीददारी और कंस्ट्रक्शन कार्य में ज्यादा रूची लेते हैं और उस काम के नाम पर अवैध संपत्ति बनातें हैं।मगध विश्वविद्लाय के भ्रष्ट कुलपति के खिलाफ कार्रवाई शुरू करने के लिए उन्हौने बिहार के सीएम नीतीश कुमार का धनयवादाकरते हुए कहा कि अब राजेन्द्र प्रसाद को कुलपति के पद से हटा देना चाहिए और इसके साथ बिहार के अन्य विश्वविद्यालय के कुलपति एवं रजिस्ट्रार के खिलाफ जांच करवानी चाहिए।

ABVP की शिकायत पर शुरू हुई थी जांच

वहीं इस मुद्दे पर मगध विश्वविद्यालय संयोजक सूरज सिंह ने बताया कि शिकायत की जांच में पुष्टि होने के बाद राजेन्द्र प्रसाद को कुलपति पद से हटाकर तुरंत गिरफ्तार कर लेना चाहिए।सूरज सिंह ने बताया कि उन्हौने मगध विश्वविद्यालय में व्याप्त भ्रष्टाचार को लेकर माननीय प्रधानमंत्री, महामहिम राज्यपाल , बिहार सरकार के साथ साथ केन्द्र एवं राज्य के कई मंत्रालय को भेजा था। था एवं अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद द्वारा कुलपति द्वारा किये गए भष्ट्राचार और अनियमिताओं के विरुद्ध माननीय उच्च न्यायालय, पटना में जनहित याचिका जनवरी 2021 में दायर किया गया। जनहित याचिका पर संज्ञान लेते हुए माननीय उच्च न्यायालय,पटना ने राजभवन को जांच करने हेतु निर्देशित किया। जिसके बाद भ्रष्टाचार में शामिल लोगों के द्वारा मुझ पर जानलेवा हमला भी किया गया था जिसकी लिखित शिकायत बोधगया थाने में कि गई थी, उसके बावजूद विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ता अपनी जान की बाजी लगाकर भ्रष्टाचारियों के खिलाफ लड़ाई को जारी रखा।

मालूम हो कि ABVP द्वारा लगाए गये सभी आरोपों कि जांच करने आई राजभवन के दो सदस्यीय टीम ने कुलपति पर लगाये गयें सभी आरोपों कि साक्ष्य होते हुए भी कुलपति से मिली भगत कर लीपापोती कर दी थी।उसके बाद भी ABVP हार ना मानते हुए भ्रष्टाचारियों के खिलाफ जंग कि लडाई लडते हुए फिर हाईकोर्ट का रास्ता अपनाते हुए PIL दाखिल की। विद्यार्थी परिषद समस्या के खिलाफ आवाज उठाने के साथ से समाधान तक संघर्ष करती हैं और इसी के परिणाम स्वरूप निगरानी के स्पेशल टीम के द्वारा छापामारी के बाद पूर्व में लगाए गए सभी आरोपों की पुष्टि हो गई है I अब दोषी कुलपति एवं सभी आरोपियों कि अविलंब गिरफ्तारी कर उन्हें उनके पदों से मुक्त कर कड़ी से कड़ी कार्रवाई किया जाए। ताकि विश्वविद्यालय में स्वस्थ शैक्षणिक वातावरण का निर्माण किया जा सके l

निगरानी की छापमारी में मिले करोडो़ं की अवैध संपत्ति

गौरतलब है कि मगध विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. राजेन्द्र प्रसाद करोड़ों के घोटाले में फंस गए हैं। विश्वविद्यालय में खरीदारी के नाम पर 30 करोड़ रुपए से अधिक के दुरुपयोग का मामला सामने आया है। विशेष निगरानी इकाई (एसवीयू) ने उनके तीन ठिकानों पर छापेमारी की। गया स्थित आवास, बोधगया के कार्यालय और गोरखपुर स्थित घर की तलाशी ली गई,जिसमें गोरखपुर के घर से 70 लाख नगद, करीब 5 लाख की विदेशी मुद्रा और 15 लाख रुपए के जेवर बरामद हुए हैं। जमीन के कई कागजात के साथ बैंक खातों और लॉकर की भी जानकारी मिली है।

गौरतलब है कि विशेष जांच के बाद फरवरी 2021 में विशेष निगरानी इकाई ने मगध विवि के कुलपति डॉ. राजेन्द्र प्रसाद, उनके आप्त सचिव सह असिस्टेंट सुबोध कुमार, वीर कुंवर सिंह विवि के वित्त पदाधिकारी ओम प्रकाश, पाटलिपुत्र विवि के रजिस्ट्रार जितेन्द्र कुमार के अलावा लखनऊ स्थित पूर्वा ग्राफिक्स एंड ऑफसेट प्रिंटर्स, एम/एस एक्सएलआईसीटी सॉफ्टवेयर प्राइवेट लिमिटेड के खिलाफ मामला दर्ज किया था।आरोप है कि मगध और वीर कुंवर सिंह विवि के कुलपति रहते डॉ. राजेन्द्र प्रसाद पर नाजायज ढंग से विश्वविद्यालय के उपयोग के लिए उत्तर पुस्तिका, पुस्तक और गार्ड की प्रतिनियुक्ति आदि के काम मनमाने ढंग से किए।उन्होंने बैगर किसी जरूरत और उपयोगिता के निविदा प्रक्रिया के विरुद्ध अपने चहेते आपूर्तिकर्ताओं से खरीदारी दिखाई। प्राथमिकी में नामजद किए गए अन्य लोगों ने इस काम में कुलपति का साथ दिजालसाजी और भ्रष्टाचार विरोधी अधिनियम के तहत विभिन्न धाराओं में इसकी प्राथमिकी दर्ज की गई है।


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