शिक्षा दिवस कार्यक्रम में पहुंचे सीएम नीतीश : देश के पहले शिक्षा मंत्री की जयंती पर कार्यक्रम आयोजित, शिक्षाविद् शंकर नाथ झा हुए सम्मानित

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CM Nitish reached the education day program Program organized on the birth anniversary of the country's first education minister, girl students welcom CM Nitish reached the education day program Program organized on the birth anniversary of the country's first education minister, girl students welcom

PATNA :देश के पहले शिक्षा मंत्री मौलाना अबुल कलाम आजाद की जयंती के मौके पर शिक्षा दिवस कार्यक्रम मनाया जा रहा है। पटना में शिक्षा दिवस के मौके पर आयोजित कार्यक्रम का सीएम नीतीश कुमार ने उद्घाटन किया है। पटना के अधिवेशन भवन में आयोजित कार्यक्रम में शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी, भवन निर्माण मंत्री अशोक चौधरी, स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय समेत तमाम लोग मौजूद है।

कार्यक्रम में शिक्षाविद् शंकर नाथ झा को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मौलाना अबुल कलाम आजाद पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। इस मौके पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अबुल कलाम आजाद को याद करते हुए कहा कि उनके कामों को कभी भुलाया नहीं जा सकता और हम लोगों ने छात्र छात्राओं को उनके द्वारा किए गए कार्यों की शिक्षा देने के लिए स्कूलों में शुरुआत करा दी गई है।

सीएम ने यह भी कहा कि उन्होंने जिस परिस्थिति में काम किया वह अद्भुत है।उन्होंने कहा कि संक्रमण के कारण प्रोग्राम को छोटा किया गया है लेकिन हमें उम्मीद है कि संक्रमण पूरी तरह से खत्म होगा तब हम लोग एक बड़ा कार्यक्रम करेंगे। उन्होंने कहा कि राज्य में टीकाकरण का काम लगातार चल रहा है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि जिस तरीके से छठ का इंतजाम किया गया था बहुत सारे लोग आए हैं और हम सभी को एक बार फिर धन्यवाद देते हैं।

आपको बता दें कि आज के दिन राष्ट्रीय शिक्षा दिवस के तौर पर मनाया जाता है। भारत के पहले केंद्रीय शिक्षा मंत्री मौलाना अबुल कलाम आजाद की जयंती के दिन इस दिवस को मनाया जाता है। वे एक बड़े स्वतंत्रता सेनानी, विद्वान और प्रख्यात शिक्षाविद् थे।

स्वतंत्र भारत के पहले केंद्रीय शिक्षा मंत्री, मौलाना अबुल कलाम आज़ाद, एक स्वतंत्रता सेनानी, एक प्रख्यात शिक्षाविद् और एक पत्रकार, और स्व-शिक्षित व्यक्ति थे। उन्होंने अरबी, बंगाली, फारसी और अंग्रेजी सहित कई भाषाओं में महारत हासिल की थी। एक उत्साही और दृढ़निश्चयी छात्र, छात्र आजाद को उनके परिवार द्वारा नियुक्त किए गए शिक्षकों द्वारा गणित, दर्शन, विश्व इतिहास और विज्ञान जैसे कई विषयों में भी प्रशिक्षित किया गया था।

देश के पहले शिक्षा मंत्री, आज़ाद किशोरावस्था में ही पत्रकारिता में सक्रिय हो गए थे। इसके साथ ही साल 1912 में, उन्होंने कलकत्ता में एक साप्ताहिक उर्दू अखबार अल-हिलाल प्रकाशित करना शुरू कर दिया था। इसके बाद में, उन्होंने दिल्ली में जामिया मिलिया इस्लामिया जैसे कई संस्थानों की स्थापना की।


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