बिहारी किसान अब सुगर फ्री आलू की कर रहे खेती : देश विदेशों में बम्पर डिमांड, जानिए कितना है मुनाफा
पटना: बिहार में कृषि को लेकर अपार संभावनाएं हैं और बिहार की सरकार ने कृषि रोडमैप के तहत विभिन्न तरह की लाभकारी योजनाओं की शुरुआत की है । नीतीश सरकार की यह कोशिश है कृषि रोडमैप के तहत तमाम किसानों के उत्पाद को दोगुना की जाए और उनके उत्पादन का लागत मूल्य से ज्यादा का फायदा किसानों को हो सके ।
इसको लेकर लगातार सरकार के अधिकारी किसानों से मिलकर उनसे फीडबैक लेकर तमाम तरह की योजनाएं भी बनाई जा रही हैं। बिहार के करीब 6 जिलों छपरा,पटना,भागलपुर,नालंदा,वैशाली,भागलपुर में जैविक कोरिडोर भी बनाया जा रहा है जहां पर जैविक विधि से कृषि की जा रही है। बिहार मक्का धान और गेहूं के उत्पादन में रिकॉर्ड तोड़ उपलब्धि हासिल की है और केंद्र की सरकार ने पुरस्कृत किया है ।
बिहार में भी अब सुगर फ्री आलू की खेती करने में जुट गए हैं बिहार के वैशाली मोतिहारी समस्तीपुर पटना के नालंदा में भी शुगर फ्री आलू की खेती किसान बढ़ चढ़ कर रहे हैं।इस सुगर फ़्री आलू के खाने से डायबटीज पेशेंट को शुगर की समस्या नहीं हो पाती है आगे बढ़ने के लिए अगर दृढ़ संकल्प और कुछ कर गुजरने की ख्वाहिश हो तो कोई भी काम असंभव नहीं।
शुगर फ्री आलू की खेती की खासियत है कि इसमें रासायनिक खाद के बजाय जैविक खाद का इस्तेमाल किया जाता है। सामान्य आलू के उपज के मुकाबले शुगर फ्री आलू की उपज तीन गुनी अधिक होती है। मार्केट में यह आलू लगभग 80 रुपए प्रति किलो की दर से बिकता है। वही बिहार सरकार भी अब इसको बढ़ावा देने के लिए योजना बना रही है ताकि किसानों को प्रोत्साहित किया जाए।