विधानमंडल सत्र हंगामेदार होने की संभावना : 29 नवंबर से 3 दिसंबर तक चलेगा बिहार विधानमंडल का शीतकालीन सत्र
PATNA:-बिहार विधानमंडल का शीतकालीन सत्र आज से शुरू हो रहा है।3 दिसंबर तक चलने वाले इस सत्र में पांच कार्य दिवस होगा।इस सत्र में बिहार निजी विश्वविद्यालय, दाखिल-खारिज संशोधन विधेयक और बिहार तकनीकी सेवा आयोग संशोधन विधेयक पेश किए जाएंगे।
इस शीतकालीन सत्र के हंगामेदार होने की संभावना है।नीति आयोग की रिपोर्ट और शरबबंदी कानून के बहाने विपक्ष सरकार पर हमलावर है।इस सत्र में शामिल होने दिल्ली से पटना पहुंचे नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने कहा कि नीतीश सरकार अपने 16 साल के कार्यकाल मं हरेक मोर्चा पर विफल है वहीं शराबबंदी कानून पूरी तरह से फेल हैं।तेजस्वी ने इन मुद्दों पर सरकार को घेरने का संकेत दिया है।वहीं सत्तापक्ष भी अपने स्तर से विपक्ष के मुद्दों का जवाब देने की तैयारी कर चुकी है।विधानसभा और विधानपरिषद के सत्र के पहले ही दिन सोमवार को अन्य जरूरी कामों के अलावा वित्तीय वर्ष 2021-22 के द्वितीय अनुपूरक व्यय विवरणी पेश किया जाएगा। इस सत्र के पहले दिन वीआईपी पार्टी के बोचहा के दिवंगत विधायक मुसाफिर पासवान के लिए शोक प्रकट किया जाएगा।
बिहार विधानमंडंल का शीतकालीन सत्र इस माइने में अहम है कि हाल ही में सम्पन्न विधानसभा की दो सीटों के उपचुनाव में सत्ताधारी जदयू ने जीत दर्ज की है जिससे उसका मनोबल ऊंचा है।वहीं उपचुनाव में अलग अलग चुनाव लड़ने वाली आरजेडी और कांग्रेस के आपसी विरोधाभास का फाईदा भी सत्ताधारी एनडीए के मिल सकता है।
इसके साथ ही इस सत्र में विधानसभा के पटल पर बिहार तकनीकि सेवा से जुड़ा एक अध्यादेश भी पेश होगा और तीन अन्य विधेयक पेश किये जाने हैंं जिसमें शिक्षा, राजस्व एवं भूमि सुधार तथा सामान्य प्रशासन विभागों से जुड़े एक-एक विधेयक होंगे। विधेयकों में बिहार निजी विश्वविद्यालय संशोधन विधेयक, दाखिल-खारिज संशोधन विधेयक और बिहार तकनीकी सेवा आयोग संशोधन विधेयक शामिल हैं। विधानसभा में 30 नवम्बर और 1 दिसम्बर को ये राजकीय विधेयक पेश होंगे। 2 दिसम्बर को द्वितीय अनुपूरक पर वाद-विवाद के बाद मुहर लगेगी। अंतिम दिन 3 दिसम्बर को गैर सरकारी संकल्प पेश होंगे। सत्र के दौरान दोनों ही सदनों में सदस्यों द्वारा जनता से जुड़े सवाल पूछे जायेंगे, जिनका सरकार उत्तर देगी।