भारी बारिश से उत्तराखंड में तबाही : भूस्खलन से अबतक 47 की मौत

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BHARI BAEIS SE UTRAKHAND ME BHARI TABAHI BHARI BAEIS SE UTRAKHAND ME BHARI TABAHI

PATNA:- देवों की भूमि उत्तराखंड में कुदरत का कहर जारी है।यहां भारी बारिश की वजह से हुए भूस्खलन की अलग अलग घटनाओं में अबतक 47 लोगों की मौत हो गई है।सबसे ज्यादा भायवाह स्थिति नैनीताल की है जहां 25 लोगों की मौत हो गयी है और कई लोग अभी भी लापता हैं।

इस आपदा में अपनी जान गंवाने वाले में यूपी और बिहार से भी हैं।इनकी संख्या करीब 14 बताई जा रही है। नैनीताल जिले के झुतिया में 9 मजदूर घर में ही जिंदा दफन हो गए। जबकि, इसी गांव में ही एक मकान के मलबे में दबने से पति-पत्नी और उनके बेटे की जान चली गई। धारी ब्लॉक के दोषापानी में 5 मजदूरों की दीवार के नीचे दबने से मौत हो गई। इसके अलावा नैनीताल के ही क्वारब में 2, कैंचीधाम के पास 2, बोहराकोट में 2, ज्योलीकोट में एक और भीमताल के खुटानी में एक की मौत मलबे में दबने से मौत हो गयी। आपदा प्रबंधन विभाग ने 600 से अधिक लोगों को रेस्क्यू करने का दावा किया है।

पीएम ने जताया दुख


उत्तराखंड में भारी बारिश के कारण लोगों की मौत पर पीएम नरेंद्र मोदी ने दुख जताया और कहा कि प्रभावित लोगों का सहयोग करने के लिए बचाव कार्य जारी है। पीएम ने ट्वीट करके लिखा कि कि उत्तराखंड के कई हिस्से में भारी बारिश के कारण लोगों के मरने की खबरों से मैं दुखी हूं। घायल लोगों के जल्द स्वस्थ होने की कामना करता हूं। बचाव कार्य जारी हैं ताकि प्रभावित लोगों की मदद की जा सके। मैं हर किसी की सुरक्षा और कल्याण के लिए ईश्वर से प्रार्थना करता हूं।

इससे पहले मोदी ने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से बात की और मूसलाधार बारिश से प्रभावित राज्य की स्थिति के संबंध में जानकारी हासिल की। मोदी ने केन्द्रीय मंत्री अजय भट्ट से भी इस संबंध में बात की।

वहीं झूतिया गांव में मची तबाही से बचकर निकले सुरेश कुमार सदमे में दिखे। तबाही की दास्तां बताते हुए लगातार रोये जा रहे थे। उन्होंने बताया कि 8 घंटे बाद भी वह अस्पताल नहीं पहुंच पाए थे।गांव वालों ने किसी तरह मरहम पट्टी कर उनकी जान बचाई।


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