भव्य स्वागत : बचपन में जिसके पिता की नक्सलियों ने कर दी थी हत्या.. उस बेटी ने खेलो इंडिया में गोल्ड जीत कर पूरे झारखंड का बढाया मान
गुमला- सुप्रीती कच्छप ने खेलो इंडिया यूथ गेम में गोल्ड मेडल जीतने के साथ-साथ एथलीट में राष्ट्रीय रिकॉर्ड में अपना नाम दर्ज की है.उसकी कामयाबी ने गुमला के साथ ही पूरे झारखंड का नाम रौशन किया है. सुप्रीती कच्छप गुमला जिला के घाघरा थाना क्षेत्र के बुरुह गांव की निवासी हैं.
सुप्रीती कच्छप खेलो इंडिया हेलो यूथ गेम्स में गोल्ड मेडल जीत करअपने गांव बुरुह पहुँचने पर गांव के सभी लोगों ने मिलकर सुप्रिती कच्छप को फूल माला पहनाकर ढोल नगाड़े के साथ स्वागत कर घरलाया गया वहीं सुप्रीती के घर मैं बधाई देने के लिए लोगों का तांता लगा हुआ है वही गांव के लोगों ने अपने आप में गर्व महसूस कर रहे हैं की एक छोटे से गांव की बच्ची ने पूरे झारखंड का मान बढ़ाया।
अंडर-20 वर्ल्ड कप में भी चयन हुआ
वही सुप्रीती ने बताया कि अंडर 20 वर्ल्ड कप चैंपियनशिप के लिए भी वह चयनित है. यह प्रतियोगिता 2-7 अगस्त तक कोलंबिया में खेला जाएगा जिसके लिए सुप्रीती का चयन हो चुका है. इस वर्ल्ड कप की तैयारी के लिए सुप्रीती अभी से ही मेहनत करने लगी है और उसे उम्मीद है कि वह इस प्रतियोगिता में भी अच्छाप्रदर्शन करेगी.इस कमायबी के लिए सुप्रीति ने अपनी मां की मेहनत का परिणाम बताया है.सुप्रीति ने कहा कि मेरी मां एवं मेरे परिवार वालों ने कोई भी चीज की कमी नहीं होने दी और ना ही पिता की कमी महसूस होने दी.
पिता की नक्सलियों ने की थी हत्या
बताते चलें कि सुप्रीती ने दौड़ की शुरुआत चैनपुर स्कूल से की थी . सुप्रीती चैनपुर स्थिति आवासीय विद्यालय में रहकर पढ़ाई करती थी जहां से उसने दौड़ने की शुरुआत की जिसके बाद संत पात्रिक हाई स्कूल गुमला में नामांकन के उपरांत अपने दौड़ के अभियान को और तेज किया जिसकी बदौलत आज झारखंड को गोल्ड मेडल दिलाया।वहीं 21 साल पहले नक्सलियों ने उनसके पिता की हत्या कर दी थी,जिसके बाद उसका परिवार पर आफत आ गई थी.इसके बाद उनसकी मां ने अपने मेहनत से उसे आगे बढाया. आज उसकी बेटी एथलीट में राष्ट्रीय रिकॉर्ड में अपना नाम दर्ज किया एवं खेलो इंडिया खेलो यूथ गेम में गोल्ड मेडल पाकर नाम रोशन कर रही है।
हरियाणा में आयोजित था खेलो इंडिया यूथ गेम
हरियाणा के पंचकुला में चल रहे खेलो इंडिया यूथ गेम में घाघरा प्रखंड के गुरु ग्राम निवासी सुप्रीती कच्छपने 3000 मीटर दौड़ को 9 मिनट 40 सेकंड में पूरा करते हुए अंडर - 18 वर्ग में एक नया रिकॉर्ड अपने नाम दर्ज की है इससे पहले यह रिकॉर्ड सीमा कुमारी के नाम था जो 2017 में 9 मिनट 50 सेकंड में दौड़ पूरी कर राष्ट्रीय रिकॉर्ड बनाई थी जिस रिकॉर्ड को सुप्रीती ने प्रतियोगिता में रिकॉर्ड तोड़ते हुए राष्ट्रीय रिकॉर्ड में अपना नाम दर्ज की. सुप्रीती ने 3000 मीटर दौड़ में प्रथम स्थान प्राप्त कर गोल्ड मेडल हासिल किया सुप्रीती की सफलता मेंझारखंड को गोल्ड मेडल दिलाने के बाद पूरे गुमला जिला वासियों में खुशी की लहर है सुप्रीती एवं उसकी मां बालमइत देवी को बधाई एवं शुभकामना दे रहे हैं वही सुप्रीती ने बताया कि इस सफलता का श्रेय मां एवं परिवार को दिया जिन्होंने किसी भी संसाधन में की कमी होने नहीं दिया एथलीट में किसी भी चीज की आवश्यकता होती थी तुरंत मेरे नजरों के सामने मेरे परिवार वालों ने उपलब्ध करा देते थे जिसकी बदौलत मैं आज इस मुकाम को हासिल कर पाएंगे।
गुमला से किशोर की रिपोर्ट-