महावीर वात्सल्य अस्पताल के डॉक्टर्स का कमाल : नवजात की आंत निकली थी बाहर, जटिल सर्जरी कर बचायी जान, आचार्य किशोर कुणाल ने दी बधाई
PATNA : महावीर मंदिर न्यास द्वारा संचालित महावीर वात्सल्य अस्पताल में एक दिन के बच्चे के आंत को दुर्लभ सर्जरी द्वारा भीतर कर उसकी जान बचायी गयी। बिहार के नालंदा जिले का नवजात बच्चा पेट से बाहर निकले हुए आंत के साथ जन्म लिया था।
नालंदा में जन्म के कुछ घंटों के भीतर उसके परिजन इस जटिल शारीरिक स्थिति के इलाज के लिए सीधे पटना के महावीर वात्सल्य अस्पताल लेकर आए। 4 सितंबर को भर्ती के तुरंत बाद उसके ऑपरेशन की तैयारी शुरू कर दी गयी। महावीर वात्सल्य अस्पताल के प्रसिद्ध शिशु रोग सर्जन डॉ. ओम पूर्वे के नेतृत्व में बच्चे की सर्जरी कर उसके बाहर निकले आंत को पेट के भीतर किया गया।
डॉ. ओम पूर्वे ने बताया कि 24 घंटे से अधिक समय तक आंत पेट से बाहर रहने पर वह खराब हो जाता है। ऐसी स्थिति में बच्चे को बचाना नामुमकिन हो जाता। बच्चे की इमरजेंसी सर्जरी की जरूरत को देखते हुए भर्ती होने के दो घंटों के भीतर उसे ऑपरेशन थिएटर ले जाया गया। डॉ. ओम पूर्वे के नेतृत्व में डॉ. राकेश, डॉ. पुलक तोष और डॉ. गीता की टीम ने दो घंटे की जटिल सर्जरी कर बाहर निकले आंत को भीतर किया।
डॉ. ओम पूर्वे ने बताया कि आंत को सीधे पेट के अंदर डालने से पेट का प्रेशर अचानक बहुत ज्यादा बढ़ने का खतरा रहता है। उससे बचने के लिए नवजात बच्चे के गर्भनाल से उसके पेट का बाहरी आवरण तैयार किया गया। डॉ. ओम पूर्वे ने बताया कि सामान्य प्रैक्टिस में पेट से बाहर निकले आंत को भीतर करने के लिए सिलोबैग का सहारा लिया जाता है। इस प्रक्रिया में एक सप्ताह से दस दिनों तक का समय लगता है।
इस क्रम में कई मामलों में बच्चे की जान भी चली जाती है लेकिन महावीर वात्सल्य अस्पताल में दो घंटे की सर्जरी में ही बच्चे की आंत को सीधे पेट के भीतर कर दिया गया। गर्भनाल के मजबूत आवरण से पेट को सुरक्षित कर दिया गया। डॉ. ओम पूर्वे ने बताया कि ऑपरेशन के बाद पांच दिनों तक बच्चा वेंटिलेटर पर रहा। उस दौरान और उसके बाद 10 दिनों तक डॉ. प्रभात कुमार, डॉ. बिनय रंजन, डॉ. विवेक पाण्डेय और डॉ. रणदीप की टीम ने बच्चे की पोस्ट ऑपरेशन चिकित्सकीय देखभाल कर उसे स्वस्थ किया।
डॉ. ओम पूर्वे ने बताया कि बच्चा अब मां का दूध पी रहा है और सामान्य जीवन व्यतीत कर रहा है। महावीर वात्सल्य अस्पताल के अपर निदेशक और पूर्व अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश अशोक कुमार ने बताया कि बच्चे की इतनी दुर्लभ सर्जरी आयुष्मान योजना के तहत निःशुल्क की गयी। महावीर मन्दिर न्यास के सचिव आचार्य किशोर कुणाल ने इस तरह की दुर्लभ सर्जरी और समुचित चिकित्सकीय देखभाल के लिए महावीर वात्सल्य अस्पताल के डॉक्टरों की टीम को बधाई दी है।