"अग्निपथ" पर तेजस्वी ने पूछे थे 20 सवाल : तेजस्वी के प्रश्नों का संजय जायसवाल ने दिया जवाब, कहा, ' समझ में नहीं आएगा '

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AGNIPATH AGNIPATH

पटना। अग्निपथ बहाली योजना को लेकर आरजेडी ने भी अपना विरोध जताया है। तेजस्वी यादव के नेतृत्व में आरजेडी ने मंगलवार को राजभवन मार्च निकाला। साथ ही तेजस्वी यादव ने इस योजना को लेकर सरकार से 20 सवाल पूछे थे। तेजस्वी यादव के सवालों का जबाव बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल ने दिया है। संजय जायसवाल ने आज फेसबुक के जरिए तेजस्वी यादव द्वारा पूछे गए प्रश्नों का जवाब दिया है। भाजपा नेता ने अपने जवाब में यह भी साफ़ किया है कि वे ना इतना लंबा पढ़ पाएंगे और ना ही उन्हें समझ में आएगा।

संजय जायसवाल ने कि हमारे सेना अध्यक्षों को यह निर्णय इसलिए करना पड़ा क्योंकि वैश्विक स्तर पर आर्थिक और सामरिक तौर पर बड़े बदलाव आ रहे हैं और भारत इन बदलाव को नकार कर आगे नहीं बढ़ सकता है।आर्थिक क्षेत्र में जीएसटी, नागरिकता के क्षेत्र में सीएए/एनआरसी/, उद्योग में स्टार्टअप, शिक्षा में नयी शिक्षा नीति सहित कई ऐसे क्षेत्र हैं जहां हमने आवश्यक सुधारों को लागू किया है और अब सेना के मांग के अनुरूप अग्निवीर स्कीम लेकर आए हैं।

डॉ जायसवाल ने जो जवाब में लिखा उसमें

- अग्निवीर सैनिकों को स्कीम के तहत 30 दिनों की छुट्टी देने का प्रावधान किया गया है |

- अग्निवीर सैनिकों की नियुक्ति की स्कीम है, और राजद जैसे दल को यह जानकारी होनी चाहिए की सेना के अफसरों की बहाली के लिए एनडीए और सीडीएस जैसी परीक्षाएं पूर्व से ही कार्यरत हैं | बिहार के नेता प्रतिपक्ष ने इन परीक्षाओं की न्यूनतम अर्हताएं कभी पूरी नहीं की हैं तो स्वाभाविक तौर पर उन्हे इसकी जानकारी का अभाव रहेगा।

- संघ एक राष्ट्रवादी संस्था है, जिसका उद्देश्य राष्ट्रवाद से प्रेरित नागरिकों का निर्माण है और उसका शासन में कोई हस्तक्षेप नहीं होता है | वामपंथी विचारकों से प्रेरित यह प्रश्न इन सुधारों की आवश्यकता को नहीं समझती है इसलिए राजद के विचारकों को अपनी संकीर्ण मानसिकता राष्ट्रीय महत्व के इन विषयों पर जाहिर ना ही करे तो अच्छा होगा | पार्टी के वोटबैंक को प्रोत्साहित और जागृत करने के लिए इस प्रश्न को उठाया गया है और यह राजद के दृष्टिकोण को स्पष्ट करती है की वोट से आगे ना वह सोंच सकती है ना कुछ कर सकती है|

- सेना ने यह स्पष्ट तौर पर कहा है की 4 वर्षों के सेवाकाल के दौरान अर्जित जो सेवा निधि की रकम होगी वह पूर्णतः कर मुक्त होगी | अग्निवीर सैनिकों को मिलने वाली सेवा निधि में 50 प्रतिशत कॉर्पस फंड की राशि सरकार द्वारा उपलब्ध करायी जाने वाली है जो पूर्णतः उसका अंशदान होगा | चूंकि यह राशि पूर्णतः कर मुक्त होगी इसलिए इसपर किसी प्रकार की कटौती नहीं होगी |

- ग्रेच्युटी इस मानदेय में समाहित नहीं होगी लेकिन जो 25 प्रतिशत अग्निवीर सैनिक सेना में कमीशन किए जाएंगे उनको इसकी सुविधा मिलेगी | अवकाश के बाद जब अग्नि वीर अन्य सेवाओं में जोड़े जाएंगे तब स्वाभाविक तौर पर उनको इसका लाभ मिलेगा |

- अग्निवीर सैनिकों को सेवाकाल में स्वाभाविक तौर पर मेडिकल सहित सीडीएस कैंटीन की सेवा मिलने वाली है और इसकी घोषणा कर दी गई है |

- सेना के अंदर से ही इस प्रकार के सुधारों की मांग वर्ष 1989 से ही की जा रही थी क्योंकि भारत में सैनिकों का औसत आयु 32 वर्ष है जो दुनिया में सबसे ज्यादा है, जबकि अमेरिका में यह मात्र 27 वर्ष है और चीन में तो यह और भी कम है ।

- भारत के अधिकाधिक युवाओं को सेना के शौर्य से जोड़ने और उनके जोश को देशप्रेम से जोड़कर सार्थक दिशा देने के लिए इस स्कीम को अनुमोदन किया गया है। सेना को युवा जोश के साथ अनुभव के होश से जोड़ने की यह बेहतरीन पहल है ।

- अग्निवीर सैनिको को 12 वीं की डिग्री भी दी जाएगी जिसमें इग्नू तथा ओपन लर्निंग जैसे राष्ट्रव्यापी शिक्षण संस्थान को केंद्र सरकार ने डिग्रियों के साथ विभिन्न प्रकार के स्किल ट्रेनिग के लिए नामित किया है |

- यह एक हास्यास्पद प्रश्न है और साथ में दुखी करने वाला भी है | बिहार में जिस प्रकार की उत्पात मचायी गई राजद जैसे दल ने यही सीखा है और किया है | देश के सामान्य छात्र और युवा देश से प्रेम करने वाले हैं और देश को आगे बढ़ाने की सोच से प्रेरित हैं | राजद ने अपने कैडर मतदाताओं को हिंसा में उपयोग किया है और उसकी विचारधारा भी हिंसात्मक रही है इसलिए उसके मन में ऐसे सवाल आ सकते हैं क्योंकि यही उसकी कार्य प्रणाली रही है |

- आरजेडी ने अपने 15 वर्षों के शासन में मात्र 3 लाख लोगों को सरकारी नौकरी दी थी | एनडीए ने बिहार में अपने शासनकाल में 7 लाख से ज्यादा सरकारी नौकरियों का प्रावधान किया है, जो उसके शासनकाल से दोगुनी से भी ज्यादा है | यूपीए के शासनकाल से ज्यादा नौकरी हमने विगत 8 वर्षों में दी हैं |

- सरकार ने राज्य सभा में स्पष्ट तौर पर कहा है की अकेले 2020-2021 में 2.65 लाख लोगों को नौकरियां दी हैं | यूपीएससी के माध्यम से 13,238, एसएससी के माध्यम से 1.330 लाख तथा रेलवे में 1,51,900 लोगों को नौकरियां मिली हैं |

- कोरोना का कालखंड पर किसी तरह का सवाल खड़ा करना राजद जैस दल की मानसिकता को दर्शाता है | कोरोना के एक पहले वाले वर्ष 2019 में हमने सेना में ही अकेले 78 हजार लोगों को नौकरी दी थी | उन्हे अपनी इस मानसिकता से बाहर आकार 21 वीं शताब्दी के अनुकूल नीतियों पर चलना पड़ेगा |

- अग्निवीर स्कीम को प्रस्तुत करते समय यह स्पष्ट किया जा चुका है की सेना सिर्फ नौकरी का जरिया नहीं हो सकता है, बल्कि यह देश सेवा के लिए बना एक मिशन है | सेना को नौजवान किए जाने की मांग स्वयं सेना ने ही किया है और सेना पर किसी तरह की राजनीति ठीक नहीं है |

- समाजवाद की नीतियों में कमी के वजह से ही 1990 में देश की अर्थव्यवस्था पूर्णतः खत्म हो गई थी और 1990 में हुए सुधारों ने ही आज इस देश को आर्थिक तौर पर मजबूत बनाया है | 1962 के युद्ध में इन्ही नीतियों की वजह से हथियारों की कमी की वजह से हम चीन से युद्ध हारे थे और उसका दंश आज भी मानसिक तौर पर झेलते हैं |

- उपरोक्त आंकड़ों जिनमें रोजगार और नौकरियों के आँकड़े दिए गए हैं से स्पष्ट है की हमने स्थायी रोजगार के अवसर लगातार उपलब्ध कराएं हैं | देश की तेज गति से बढ़ती अर्थव्यवस्था इस बात का धोतक है और सामान्य लोग इस बात से पूर्णतः वाकिफ हैं |

- रोजगार का तनाव लोगों में नहीं है बल्कि आरजेडी ' युवराज' को जरूर है | हर संकट में बिहार को छोड़कर भागने वाले युवराज की मुख्यमंत्री पद के लिए लपलपाती जीभ इस बात को स्पष्ट करती है |

- राजद को अपना शासन याद करना चाहिए और आतंक के राज को याद करके दुखी होना चाहिए |

- हमने भारत के भविष्य को ध्यान में रखते हुए और सामरिक तौर पर मजबूत सेनाओं के कार्यप्रणाली का अध्ययन करके इस स्कीम को लॉन्च किया है | राजद को अपनी दृष्टि व्यापक करने आवश्यकता है |

- भारत दुनिया के अग्रणी सेनाओं में शामिल है और सामान्य तौर सरकारें इसमें हस्तक्षेप नहीं कर सकती है | यह स्कीम युवाओं के भविष्य को समर्पित है और उनके माध्यम से राष्ट्र को समर्पित है | आकर्षक वेतनमान, सुरक्षित भविष्य और युवाओं के स्किल को दिशा देने के लिए यह योजना लाई गई है | इसका तिरस्कार और इसकी गलत व्याख्या सही नहीं है |


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